• फुलगेन मगही

नागरिता बानाबेके कि हाल कहू
हाल हमर बेहाल हब।
भोरेसे हम लाईमे लगली
तब जाके, धकलम, धकला ,कके
बेरीया -४ बजे खिरकी ल जब पुगली ।
जभीए पुगली खिरकी ल हम
ताभीए काहै भीतरसे ,
आई समय खत्म होगेल ,
एना कर तु, बिहान आब ।
नगरिता बनाबेके ईहे हय हाल
हमरासे कुछ पुछ नइ
हाल हमर बेहाल हब।

कागज पत्र मगौल ४ पुस्ताके
मैंन प्रमाण ,खोजल मोरल बाबाके।
मुलहाके तु जिन्दा कर
जिन्दाके तु मारबे कर,
जिल्ला प्रशासनके ईहे हय हाल ।
नगरिता बनाबेके कि हाल कहु,
हाल हमर बेहाल हब।

नई हो बाबाके प्रमाण त
नई लगतो कोनो जोगार ।
माई बाबु अछाइते ,
बाबाके खोजाई आधार ।
युवा शक्ति नागरिता पछा ,
भेल कते बेमार ।
केकरो कोई आईया सुनै नई हय
केकरा पुछब कुन सवाल ?
नगरिता बनाबेके कि हाल काहु
हाल हमर बेहाल हब।

तोहीसब कहै जाईजा
कि कहियाई केकरा
कर्मचारीकेमे अपने अनुसारके नखरा
गेटसे बाहर लगाबै भितरे – भीतर बखरा
एक आधगो सर्व साधारणके नागरिता दके
देखाबै अपन काम,
सीधा सीधी बरी ने पकतो
नगरिता एकरे नाम
नगरिता बनाबेके कि हाल कहु
हाल हमर बेहाल हब।

अन्तिम में त हम किरिया खेली
जते ई लोक हमारा दौराबै
कुन कागज कहत ,कतसे लाबेला
सबटा हम लाईबके देब ।
चाहे हमरा १० दिन
चाहे /१५ दिन दौर परै ,
नगरिता त हम लेबे करबै
तब त इहो इतिहास कहलेतै
अपना देशमे दोसर नागरिकके दर्जा
नागरिताके बनाबेकीकि हाल कहु
हाल हमर बेहाल हब ।

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